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What is Chandrayan - 1 ? :: (चंद्रयान -1 क्या था ?)

 

Chandrayan - 1   ::    चंद्रयान -1

यह भारत का 22  अक्टूबर 2008 को चन्द्रमा  की और भेजा जाने वाला पहला  मिशन था। इसमें भारत, ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी, बुल्गारिया और स्वीडन में निर्मित 11 वैज्ञानिक पैलोड लगे थे। इसका वजन 1380 किलोग्राम था। यह एक मानव रहित अंतरिक्ष मिशन था। इसमें एक ऑर्बिटर और एक इम्पैक्टर शामिल था। इसको इस प्रकार डिज़ाइन किया गया था कि यह चन्द्रमा की सतह से 100 किलोमीटर ऊपर चन्द्रमा की चारो और परिक्रमा कर चन्द्रमा की सतह का अध्ययन कर सके। 

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Kabir ke Dohe | कबीर के दोहे

अपना तो कोई नहीं, देखी ठोकी बजाय। अपना अपना क्या करि मोह भरम लपटायी। । कबीरदास कहते है कि बहुत कोशिश करने पर, बहुत ठोक बजाकर देखने पर भी  संसार में अपना कोई नहीं मिला। इस संसार के लोग माया मोह में पढ़कर संबंधो को अपना पराया बोलते हैं। परन्तु यह सभी सम्बन्ध क्षणिक और भ्रम मात्र है।  [113]

Sanskrit Shlokas | संस्कृत श्लोक

न पश्यति च जन्मान्धः कामानधो नैव पश्यति । न पश्यति  मदोन्मतो हार्थि दोषात् न पश्यति । । अर्थात:-  जन्म से अंधा व्यक्ति देख नहीं सकता है, कामुकता में अंधा, धन में अंधा और अहम् में अंधे व्यक्ति को भी कभी अपने अवगुण नहीं दिखाई देते हैं   । [45]

Rahim ke Dohe | रहीम के दोहे

अधम वचन काको फल्यो, बैठी ताड़ की छांह। 'रहिमन' काम न आय हैं, ये नीरस जग मांह। । रहीम दास जी कहते है कि संसार में रहकर दूसरों के काम आने वाले मनुष्य का जीवन ही सार्थक होता है। जैसे ताड़ के वृक्ष की छाया में बैठकर कोई फल नहीं मिलता है उसी प्रकार कटु या निंदनीय वचन का कोई फल नहीं मिलता है। मनुष्य का जीवन ताड़ के वृक्ष के समान नहीं होना चाहिये जिस पर किसी प्रकार का कोई फल नहीं आता है अर्थात दूसरों के काम नहीं आता है। इसी प्रकार जो मनुष्य दूसरों के काम नहीं आता है उसका जीवन नीरस और निरर्थक होता है। [13]