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Showing posts from February, 2020

Sanskrit Shlokas | संस्कृत श्लोक

न पश्यति च जन्मान्धः कामानधो नैव पश्यति । न पश्यति  मदोन्मतो हार्थि दोषात् न पश्यति । । अर्थात:-  जन्म से अंधा व्यक्ति देख नहीं सकता है, कामुकता में अंधा, धन में अंधा और अहम् में अंधे व्यक्ति को भी कभी अपने अवगुण नहीं दिखाई देते हैं   । [45]