Sanskrit Shlokas | संस्कृत श्लोक न पश्यति च जन्मान्धः कामानधो नैव पश्यति । न पश्यति मदोन्मतो हार्थि दोषात् न पश्यति । । अर्थात:- जन्म से अंधा व्यक्ति देख नहीं सकता है, कामुकता में अंधा, धन में अंधा और अहम् में अंधे व्यक्ति को भी कभी अपने अवगुण नहीं दिखाई देते हैं । [45] Read more