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Tiranga (तिरंगा)

 


तिरंगा

  • तिरंगे की अभिकल्पना पिंगली वेंकैया ने की थी। 
  • इसको 22 जुलाई 1947 को भारतीय संविधान सभा में अंगीकार किया गया। 
  • इसकी लम्बाई : चौड़ाई का अनुपात 3 : 2 होता है। 
  • तिरंगे में तीन रंग की क्षैतिज (horizontal) पट्टियां होती है। 
  • सबसे ऊपर केसरिया रंग की पट्टी, सबसे नीचे हरे रंग की पट्टी और मध्य में सफ़ेद रंग की पट्टी होती है। 
  • सफ़ेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का चक्र होता है, जिसमे 24 तीलियाँ होती है। 
  • भारतीय मानक ब्यूरों (बी० आई० एस०) ने पहली बार 1951 में राष्ट्रध्वज के लिए नियम बनाये।
  • 1968 में तिरंगा निर्माण के मानक तय किये। 
  • तिरंगे निर्माण में केवल खादी या हाथ से काता गया कपड़ा ही झंडा बनाने उपयोग किया जाता है। 
  • खादी निर्माण में केवल कपास, रेशम और ऊन का ही उपयोग किया जाता है। 
  • धारवन के पास गदग और कर्नाटक के बागलकोट में ही खादी की बुनाई की जाती है। 
  • हुबली में एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान है जहाँ झंडा का निर्माण किया जाता है। 
  • भारतीय मानक ब्यूरों (बी० आई० एस०) द्वारा झंडे निर्माण के विभिन्न चरणों पर जाँच की जाती है और अंतिम रूप से झंडे की जाँच के बाद ही इसको फहराया जाता है।

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