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What is Chandrayan - 1 ? :: (चंद्रयान -1 क्या था ?)

  Chandrayan - 1   ::    चंद्रयान -1 यह भारत का 22  अक्टूबर 2008 को चन्द्रमा  की और भेजा जाने वाला पहला  मिशन था। इसमें भारत, ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी, बुल्गारिया और स्वीडन में निर्मित 11 वैज्ञानिक पैलोड लगे थे। इसका वजन 1380 किलोग्राम था। यह एक मानव रहित अंतरिक्ष मिशन था। इसमें एक ऑर्बिटर और एक इम्पैक्टर शामिल था। इसको इस प्रकार डिज़ाइन किया गया था कि यह चन्द्रमा की सतह से 100 किलोमीटर ऊपर चन्द्रमा की चारो और परिक्रमा कर चन्द्रमा की सतह का अध्ययन कर सके। 

स्वतंत्रता आंदोलन के कुछ प्रमुख नारे

  स्वतंत्रता आंदोलन के कुछ प्रमुख नारे  "जय हिन्द "     --     सुभाषचंद्र बोस "दिल्ली चलो "     --     सुभाषचंद्र बोस "तुम मुझे खून दो मै तुम्हें आजादी दूँगा"     --     सुभाषचंद्र बॉस  "इन्कलाब जिन्दाबाद "     --     भगत सिंह   "करो या मारो "     --     महात्मा गाँधी  "हिंदी, हिन्दू, हिन्दोस्तान"     --     भारतेन्दु हरिश्चंद्र  "पूर्ण स्वराज्य "     --     जवाहरलाल नेहरू   "आराम हराम है"     --     जवाहरलाल नेहरू  "भारत छोडो"     --     महात्मा गाँधी  "विजयी विश्व तिरंगा प्यारा"     --     श्यामलाल गुप्ता "पार्षद" "वन्दे मातरम"     --     बंकिमचंद्र चटर्जी  "स्वराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है"     --     बाल गंगाधर तिलक  "सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है"     --     राम प्रसाद बिस्मिल  "सारे जहाँ से  अच्छा हिन्दोस्तॉं हमारा"     --     इकबाल  "साईमन कमीशन वापस जाओ"     --     लाला लाजपत रॉय 

Tiranga (तिरंगा)

  तिरंगा तिरंगे की अभिकल्पना पिंगली वेंकैया ने की थी।  इसको 22 जुलाई 1947 को भारतीय संविधान सभा में अंगीकार किया गया।  इसकी लम्बाई : चौड़ाई का अनुपात 3 : 2 होता है।  तिरंगे में तीन रंग की क्षैतिज (horizontal) पट्टियां होती है।  सबसे ऊपर केसरिया रंग की पट्टी, सबसे नीचे हरे रंग की पट्टी और मध्य में सफ़ेद रंग की पट्टी होती है।  सफ़ेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का चक्र होता है, जिसमे 24 तीलियाँ होती है।  भारतीय मानक ब्यूरों (बी० आई० एस०) ने पहली बार 1951 में राष्ट्रध्वज के लिए नियम बनाये। 1968 में तिरंगा निर्माण के मानक तय किये।  तिरंगे निर्माण में केवल खादी या हाथ से काता गया कपड़ा ही झंडा बनाने उपयोग किया जाता है।  खादी निर्माण में केवल कपास, रेशम और ऊन का ही उपयोग किया जाता है।  धारवन के पास गदग और कर्नाटक के बागलकोट में ही खादी की बुनाई की जाती है।  हुबली में एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान है जहाँ झंडा का निर्माण किया जाता है।  भारतीय मानक ब्यूरों (बी० आई० एस०) द्वारा झंडे निर्माण के विभिन्न चरणों पर जाँच की जाती है और अंतिम रूप से झंडे की जाँच के बाद ही इसको फहराया जाता है।

Vande Matram (वन्दे मातरम )

वन्दे  मातरम्   सुजलाम् सुफ़लाम् मलयजशीतलाम्  शस्य  श्यामलां  मातरम्    शुभ्र ज्योत्स्ना पुलकित यामिनीम्  फुल्ल कुसुमित द्रुमदलशोभिनीम् , सुहासिनी सुमधुर भाषिणीं  सुखदां वरदां मातरम् 11 वन्दे मातरम् 11 वन्दे मातरम् एक संस्कृत कविता है। इसको बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा सन 1870 में लिखा गया था।  सन 1882 में वन्दे मातरम कविता को बंगाली उपन्यास आनंदमठ में शामिल किया।  इस कविता को सबसे पहले गुरु रबीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1896 के अधिवेशन में गाया गया।   सन  1937 में कांग्रेस की वर्किंग कमिटी द्वारा इसे राष्ट्र गीत  के रूप में स्वीकार किया गया।  24 जनवरी 1950 को भारत की संविधान सभा द्वारा इसे राष्ट्र गीत के रूप में अंगीकार किया गया। 

Kabir ke Dohe | कबीर के दोहे

अपना तो कोई नहीं, देखी ठोकी बजाय। अपना अपना क्या करि मोह भरम लपटायी। । कबीरदास कहते है कि बहुत कोशिश करने पर, बहुत ठोक बजाकर देखने पर भी  संसार में अपना कोई नहीं मिला। इस संसार के लोग माया मोह में पढ़कर संबंधो को अपना पराया बोलते हैं। परन्तु यह सभी सम्बन्ध क्षणिक और भ्रम मात्र है।  [113]

Inspirational Quotes | प्रेरणादायक वाक्य

कल्पना की कोई सीमा नहीं है; क्या संभव है, यह तय करने से पहले, यह तय करें की क्या सही है और क्या वांछित है। Imagine no limitations; decide what's right and desirable before you decide what's possible. ब्रायन ट्रेसी   [Brian Tracy]   [119]

Sanskrit Shlokas | संस्कृत श्लोक

न पश्यति च जन्मान्धः कामानधो नैव पश्यति । न पश्यति  मदोन्मतो हार्थि दोषात् न पश्यति । । अर्थात:-  जन्म से अंधा व्यक्ति देख नहीं सकता है, कामुकता में अंधा, धन में अंधा और अहम् में अंधे व्यक्ति को भी कभी अपने अवगुण नहीं दिखाई देते हैं   । [45]